मणिपुर का मामला शान्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जैसे – जिसे दिन गुज़रते जा रहे हैं वैसे – वैसे यह मामला भी बढ़ता चला जा रहा है। एक जानकारी के मुताबिक मणिपुर में मैतेई तथा कुकी समुदाय के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए अब मणिपुर राज्य में लगातार होती घुसपैठ की जानकारी सामने आई है।
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Toggleहाल ही में म्यांमार के 700 से अधिक नागरिकों ने Illegal तरीके से मणिपुर के चंदेल district में घुसपैठ की है। मणिपुर सरकार ने इस मामले पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि Assam Rifles ने मणिपुर में 718 refugees के घुसपैठ की report दी है।
म्यामांर के नागरिकों को चंदेल district में entry देने की permission से related सरकार ने उन से प्रश्न पूछा है। सरकार ने उन्हें Immediately वापिस भेजने की सलाह दी है।
मणिपुर का हाल
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद अब तक लगभग 150 लोग मर चुके हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं। इधर तब हिंसा शुरु हुई थी, जब कुकी समुदाय ने पहाड़ी district में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला तथा मैतेई समुदाय की Scheduled Tribe (ST) में शामिल किए जाने की माँग का विरोध किया।
मणिपुर की population में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53% है। वह अधिकतर Imphal Valley में रहते हैं जबकि नागा तथा कुकी आदिवासी की संख्या लगभग 40 % है तथा वह पहाड़ी district में रहते हैं।
4 मई का भयानक सच्च
दरअसल, कुकी समुदाय की 2 महिलाओं को 4 मई को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया गया था। इसके अलावा उनके साथ यौन उत्पीड़न तथा अभद्रता भी की गई थी।
‘वुंगजागिन वाल्टे’ जोकि मणिपुर के BJP विधायक हैं, 4 मई को उनपर जानलेवा हमला हुआ। उन्हें करंट के झटके दिए गए। वाल्टे के बेटे के अनुसार पहले उनके पापा को electric current दिया गया तथा बाद में उन्हें पीटा भी गया।