इस साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 10 दिन तक मनाए जाने वाले गणेश चतुर्थी की शुरुआत होगी, जो अनंत चतुर्दशी तक मनाई जाएगी। गणेश चतुर्थी के दिन पंडालों और घरों में गणपति जी विराजमान होते हैं, जिन्हें रिद्धि – सिद्धि का दाता भी माना जाता है। लोगों ने इस लेकर अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।
भक्तों में गणपति बप्पा जी का अपने घरों में स्वागत करने के लिए काफ़ी उत्साह तो है ही, उनके अलावा मूर्तिकार भी गजानन को आखिरी स्वरूप देने में जुट गए हैं।
गणेश चतुर्थी से सम्बन्धित मान्यता
ऐसा माना जाता है कि 10 दिनों तक गणेश जी कैलाश पर्वत से धरती पर भक्तों के बीच रहकर उनकी हर समस्या को दूर करते हैं और इसी वजह से पूरे भारत में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
इस साल 19 सितम्बर 2023 से गणेश चतुर्थी की शुरुआत होगी तथा इसका समापन 28 सितम्बर 2023 को अनंत चतुर्थी पर होगा। आखिरी दिन गणेश जी की मूर्ति का विर्सजन किया जाएगा।
‘पवन’ जोकि रीवा शहर के एक मशहूर मूर्तिकार हैं, उनके अनुसार, “इस बार बाल गणेश जी की मूर्ति की सबसे अधिक demand है। जिसे ध्यान में रखते हुए गणेश भक्तों की demand के according गणेश जी की मूर्ति को shape दी जा रही है।”
इस बार भगवान गणेश जी की भिन्न – भिन्न आकर वाली मूर्तियों के order मिले हैं। जैसे :- सबसे अधिक order खेलते हुए गणेश जी, अपने वाहन चूहे की सवारी तथा नंदी की सवारी करते हुए गणेश जी, लड्डू खाते हुए गणेश जी, शयन करते हुए गणेश जी, नाचते हुए गणेश जी, शिव पार्वती के साथ गणेश जी आदि।
इसके अलावा पूरे district से बड़ी – बड़ी प्रतिमाओं के order मिले हैं, जो शहर में center of attraction बनेंगे।
‘पवन’ ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कोरोना तथा उसके बाद के सालों में मूर्तिकारी से अधिक मुनाफ़ा नहीं हो पाया था लेकिन इस साल उन्हें यह आशा है कि अधिक से अधिक लोग गणेश जी को स्थापित करेंगे। जिससे उनके business में काफ़ी मुनाफ़ा होगा।
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