20 जुलाई से संसद का monsoon session शुरू हुआ था, तभी से मणिपुर के issue को लेकर opposition party हंगामा कर रही है। अब opposition no confidence motion लेकर आया है।
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Toggleमणिपुर में हुए violence को लेकर कांग्रेस तथा opposition alliance प्रधानमंत्री मोदी से संसद में Statement देने तथा Discussion की demand कर रहे हैं। इस issue पर monsoon session के पहले दिन से ही हंगामा चल रहा है।
हाल ही में मणिपुर में sexual harassment तथा महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का video भी सामने आया था। जिसके बाद से पूरे देश में आक्रोश देखा जा रहा है।
क्या है मणिपुर का मुद्दा?
मणिपुर में scheduled tribe का दर्जा देने की मैतई community की demand के against में 3 मई को ‘Tribal Solidarity March’ निकला गया था। जिसके बाद से ही मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई।
इस मामले में अभी तक लगभग 160 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। opposition के according सरकार मणिपुर में हिंसा रोकने में असफल रही है। इसी issue को लेकर ruling party तथा opposition में बहस चल रही है। जिसके बाद opposition party बुधवार को No confidence motion लेकर आई।
आख़िर क्या है No confidence motion?
No confidence motion का प्रयोग opposition सरकार के प्रति अपने विश्वास की कमी को दर्शाने के लिए करती है। विश्वास बनाए रखने के लिए ruling party को सदन में अपना बहुमत साबित करना होता है। इसके बाद सरकार तभी तक सत्ता में रहेगी, जब तक उसके पास लोकसभा में बहुमत होगा।
निश्चिन्त क्यों है मोदी सरकार?
जहाँ No confidence motion के आते ही सरकारों के पसीने छूट जाते हैं, वहीं मोदी सरकार इससे बेख़ौफ़, बेफिक्र है क्योंकि इस बार भी No confidence motion का future पहले से ही decided है।
साफ़ – साफ़ देखा जा सकता है कि बहुमत BJP की Leadership वाले NDA के favour में है। लोकसभा में opposition के 150 से कम सांसद हैं हालाँकि opposition यह दावा कर रहा है कि वह बहस के दौरान मणिपुर के issue पर सरकार को घेरते हुए इस विवाद में सरकार को मात देने में सफल होगा।