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World Tribal Day 2023 : जानें आदिवासी दिवस से जुड़ी खास बातें, आख़िर क्‍यों मनाया जाता है आदिवासी दिवस?

World Tribal Day 2023 : जानें आदिवासी दिवस से जुड़ी खास बातें, आख़िर क्‍यों मनाया जाता है आदिवासी दिवस?

समाज की मुख्‍यधारा से कटे हुए कुछ लोग जिनका खानपान, रहन – सहन, रीति – रिवाज आदि आम लोगों से भिन्न होता है, आदिवासी कहलाते हैं। यह लोग किसी शहर या गाँव के स्थान की जगह जंगलों में रहते हैं।

लगभग पूरी दुनिया में ही आदिवासी समुदाय के लोगों को देखा जा सकता है। यह लोग चाहे समाज से थोड़ा हटकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं लेकिन भारत सहित लगभग सभी देशों में आदिवासियों के अधिकारों की ओर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए, इन्‍हें बढ़ावा देने के लिए बहुत से programme चलाए जाते हैं।

आदिवासी दिवस मनाए जाने का कारण

इस दुनिया के लगभग सभी देशों में आदिवासी समुदाय से सम्बन्धित लोग रहते हैं। इनके त्‍योहार, भाषा, संस्‍कृति, पहनावा सबकुछ अलग होता है। reports के according समय के साथ इनकी संख्‍या भी घटती जा रही है।

आदिवासी समुदायों को अपना अस्तित्व, सम्मान आदि बचाने के लिए निरन्तर संघर्ष करना पड़ रहा है। इस जनजाति को बढ़ावा तथा संरक्षण के साथ – साथ सम्मान देने की दृष्टि से ‘आदिवासी दिवस’ मनाया जाता है।

इस दिन को मनाने का तरीका

इस दिन विश्वभर में United Nations तथा बाकी के कई देशों के government institutions के साथ – साथ आदिवासी समुदाय के लोग ‘Tribal Organization Mass Function’ organise करते हैं।

जिसमें आदिवासियों के current status और future challenges को लेकर Discussion की जाती है। कई स्थानों पर Awareness Campaign भी चलाए जाते हैं।

भारत और आदिवासी

यदि भारत की बात की जाए तो यहाँ बिहार, मध्य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, झारखंड आदि राज्‍यों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। मध्‍य प्रदेश में आदिवासियों की लगभग 46 जनजातियाँ रहती हैं। मध्‍य प्रदेश की कुल जनसंख्या के 21% लोग आदिवासी समुदाय के हैं।

वहीं झारखण्ड की कुल आबादी का लगभग 28% आदिवासी समाज के लोग हैं। इसके अलावा भी बहुत से राज्‍यों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं।

भारत के मध्‍य प्रदेश राज्य में भील, गोंड, ओरोन, सहरिया, कोरकू तथा बैगा जनजाति के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। यदि एशिया की बात की जाए तो गोंड एशिया का सबसे बड़ा आदिवासी समूह है, इनकी संख्या लगभग 30 लाख है।

मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना आदि में भी गोंड जनजाति के लोग रहते हैं। वहीं संथाल, ओरांव, बंजारा, मुंडा, बिहोर, माई पहरिया, चेरो, गोंड, हो, खोंड, लोहरा आदि नामक स्थानों पर भी आदिवासी समूह के लोग रहते हैं।

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