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सरकार ने ‘One Nation One Election’ के लिए बनाई कमेटी, जानें कौन होगा अध्यक्ष

सरकार ने ‘One Nation One Election’ के लिए बनाई कमेटी, जानें कौन होगा अध्यक्ष

‘एक देश एक चुनाव’ की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए Central government ने एक committee बनाई है और भारत के पूर्व राष्ट्रपति ‘रामनाथ कोविंद’ को इस committee का अध्यक्ष बनाया गया है।

ऐसा बताया जा रहा है कि इस committee के members को लेकर आज notification जारी कर दिया जाएगा। यानी बहुत जल्द इस committee के अन्य members के नाम की information दी जा सकती है।

ऐसे में Center के इस decision से फिर एक बार उन अटकलों को हवा मिल गई है कि इस बार लोकसभा के election समय से पहले हो सकते हैं।

दरअसल Central government ने 18 सितम्बर से Parliament का special session बुलाया है, जिसमें बहुत से important bill पेश हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार Uniform Civil Code, One Nation One Election और women’s reservation का bill ला सकती है।

कांग्रेस ने किया विरोध

सरकार के इस decision की information आते ही कांग्रेस पार्टी ने विरोध ज़ाहिर करते हुए कहा, “पूरे देश में एक साथ election करवाने की क्या जल्दबाज़ी है? देश में महंगाई सहित बहुत से issues हैं, जिनपर सरकार को पहले action लेना चाहिए।”

कांग्रेस नेता ‘अधीर रंजन चौधरी’ ने कहा कि, “इस issue पर Center की नीयत साफ नहीं है।” वहीं AIMIM नेता ‘असदुद्दीन ओवैसी’ ने भी सरकार के इस कदम पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए tweet किया है।

सरकार की दलील

BJP के कई नेताओं ने देश के बेहतर भविष्य के लिए इसे सही फैसला बताया है। वहीं इस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर Center ने दलील दी है कि Law Commission ने report में कहा है कि, “देश में बार – बार चुनाव करवाने से सरकारी खजाने के संसाधनों तथा पैसों की ज़रूरत से ज़्यादा बर्बादी होती है।

पहले भी एक साथ हुए हैं चुनाव

Parliament के monsoon session के दौरान law minister ‘अर्जुनराम मेघवाल’ ने कहा था कि, “राज्य विधानसभा और लोकसभा के election एक साथ कराने के लिए एक Practical Roadmap और Framework तैयार करने के लिए मामले को आगे की investigation के लिए law commission के पास भेज दिया गया है।

अगर constitutional experts की बात की जाए तो यदि ‘एक देश – एक कानून’ bill को लागू किया जाता है तो इसके लिए Constitution में minimum 5 amendment की जानी चाहिए।

हम आपको बता देना चाहते हैं कि इससे पहले भी देश में 1951 – 1952, 1957, 1962 और 1967 में सभी विधानसभाओं तथा लोकसभा में एक साथ चुनाव करवाए गए थे।

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